ऑस्ट्रियन बाइक निर्माता कंपनी केटीएम भारत में अपने लिए नई संभावनाएं तलाश रही हैं। और ऐसा हो भी क्यों ना! भारतीय ग्राहकों से उसे इतना प्यार जो मिल रहा है। खबर है कि केटीएम अब भारत में अपनी पूरी बाइक रेंज को उतारने का मन बना चुकी है। इसी क्रम में कंपनी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक टीजर जारी कर नई बाइक को लाने का खुलासा किया है। कंपनी ने बताया है कि इस बाइक को 26 जनवरी को पेश किया जाएगा। हालांकि, कंपनी नई बाइक लॉन्च करेगी या यह किसी पुराने मॉडल का अपडेट होगी, इसका खुलासा नहीं किया गया है।
जानकारी के अनुसार यह एक एडवेंचर बाइक हो सकती है, जिसे सुपरएडवेंचर सीरीज में लाया जा सकता है। इस बाइक में अडाप्टिव क्रूज कंट्रोल और राडार आधारित फीचर दिया जा सकता है। इस बाइक का डिजाइन केटीएम 790 एडवेंचर के जैसा हो सकता है। बाइक में ट्यूब लेस टायर के साथ स्पोक रिम दिए जा सकते हैं।
केटीएम अपनी अंतरराष्ट्रीय बाइक पोर्टफोलिओ में विस्तार कर रही है। केटीएम ने ट्रायम्फ, बीएमडब्ल्यू और डुकाटी जैसी कंपनियों की आधुनिक बाइक्स को टक्कर देने के लिए अपने उत्पाद की तकनीक में बदलाव कर रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण राडार आधारित क्रूज तकनीक है। बाइक निर्माता कंपनी केटीएम (KTM) ने हाल ही में रेडार बेस्ड क्रूज कंट्रोल सिस्टम के पेटेंट के लिए अप्लाइ भी कर दिया है। खबरों के मुताबिक केटीएम (KTM) अपनी 390 सीरीज की ड्यूक (Duke) बाइक को इस तकनीक से लैस कर सकती है। अब सवाल है कि आखिर ये रेडार बेस्ड क्रूज कंट्रोल है क्या चीज!
कुछ साल पहले तक क्रूज कंट्रोल सिस्टम सिर्फ कारों में ही देखने को मिलता है। इस फीचर के तहत कोई ड्राइवर अपनी कार की स्पीड को स्टीअरिंग पर लगे कुछ कमांड (Command) बटन्स की मदद से बढ़ा या घटा सकता है। लेकिन बढ़ती मांग को देखते हुए बाइक निर्माता भला कैसे पीछे रह सकते थे। ऐसे में कुछ ऑटो (Auto) कंपनियों ने अपनी बाइकों में ये फीचर उपलब्ध करवाने की दिशा में काम शुरु कर दिया। लेकिन शुरुआत में बाइकों में जो क्रूज कंट्रोल सिस्टम (Cruise control system) दिए गए उनमें सहूलियत तो थी लेकिन मजे और सुरक्षा के मामले में ये उतने कारगर नहीं माने गए।
उसी क्रूज कंट्रोल सिस्टम तकनीक को और उन्नत बनाते हुए बाइक निर्माताओं ने एक नई तकनीक ईजाद की है जिसे रेडार बेस्ड क्रूज कंट्रोल या अडेप्टिव क्रूज कंट्रोल नाम दिया गया है। इस तकनीक के तहत किसी बाइक के अलग-अलग हिस्सों में रेडार सेंसर लगा दिए जाते हैं जो बाइक के आसपास किसी भी ऑब्जेक्ट की उपस्थिति को भांप लेते हैं। ये सेंसर एक पूरी रेडार यूनिट (Radar unit) से जुड़े होते हैं जो एक ट्रांसमीटर (Transmitter) और रिसीवर (Reciever) से लैस होती है।
इस यूनिट का ट्रांसमीटर लगातार रेडियो वेब्स (Radio waves) या तरंगे जनरेट करता रहता है जो चलती हुई बाइक के चारो तरफ लगातार फैलती रहती हैं। और किसी अन्य ऑब्जेक्ट या वाहन से टकराते ही वे तुरंत बाइक पर लगे रिसीवर तक लौट आती हैं। इन लौटी हुई वेब्स की मदद से यूनिट में लगा आर्टिफिशयल इंटेलीजेंस सिस्टम इस बात का अंदाज लगाता है कि बाइक के आस-पास चल रहा दूसरा वाहन कितना बड़ा है और उससे कितनी दूरी पर है और उसी हिसाब से बाइक की स्पीड को नियंत्रित करता है।
जैसे यदि आप इस सिस्टम से लैस बाइक पर किसी कार के पीछे चल रहे हैं तो उस कार की स्पीड तेज होने की स्थिति में आपकी बाइक की भी स्पीड अपने आप बढ़ जाएगी। लेकिन यदि उस कार ने ब्रेक लगा दिए तो रेडार यूनिट तुरंत ही आपकी बाइक की ब्रेकिंग को ऑटोमैटिक एक्टिव कर देगा और आपकी बाइक उस कार से उचित दूरी पर रुक जाएगी। ये पूरा खेल कुछ माइक्रो सेकंड्स का होता है। केटीएम ने सबसे पहले इस तकनीक से अपनी 1290 बाइक को लैस किया था। लेकिन ये पूरी कवायद सिर्फ टेस्टिंग के स्तर तक ही सीमीत थी।
केटीएम से पहले ये तकनीक डुकाटी और बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनियां अपनी बाइकों में इस्तेमाल कर चुकी हैं। लेकिन वे बाइकें तुलनात्मक तौर पर बहुत महंगी हैं। संभवत: ये पहली बार होगा जब किसी 390 सीसी की बाइक को इस तकनीक से लैस किया जाएगा। बाजार में केटीएम की छवि पहले से ही वैल्यू फोर मनी वाले प्रोडक्ट्स बनाने के तौर पर स्थापित है। ऐसे में इस नई तकनीक से लैस बाइकें निश्चित तौर पर बाजार में केटीएम की पैठ को बढ़ाने का काम करेगी।